|| श्री सुसवाणी माताय नमः ||

Jath (जात)

Jath (जात)

जात देने की विधि

जात देने की विधि

प्रायः पुत्र के माता-पिता जात के समय स्नान आदि से निवृत हो विवाहकालीन पोशाक पहनकर (शेरवानी, साफा मोड़, गठजोड़ा आदि- युग परिवर्तन से अब इच्छा अनुसार) कार्य संपन्न किया जाता है यथा साफा या टोपी ना होने से सिर पर मौली रखना अनिवार्य है। प्रत्येक जात में बाट, मोकल ,चाकल। जात के समय नारियल माताजी एवं क्षेत्रपाल जी को चढ़ते हैं।

निषिद्ध वस्तुएं जो मंदिर में नहीं लाई जा सकती है और जिनको पहनना मंदिर में वर्जित है।

1. काले वस्त्र, काली बैल्ट, काला पसॆ आदि

2. चमड़े से बनी बैल्ट व अन्य वस्तु जैसे पर्स वॉलेट आदि

3. दर्शन करते वक्त महिलाएं अपने सर पर पल्ला करे।

4. भक्तजन मंदिर में बरमूडा या SHORTS पहनकर प्रवेश ना करे।