|| श्री सुसवाणी माताय नमः ||

MUNDAN SANSKAAR / मुंडन झडूला विधि

MUNDAN SANSKAAR / मुंडन झडूला विधि

प्रत्येक पुत्र के जन्म होने पर उसका मोरखाना मंदिर में मुंडन होता है ।उस समय पुत्र के माता-पिता की जात लगती है। किंचित तणियों के नीचे मुंडन होता है । मुंडन पुत्र की प्रथम या तृतीय वर्ष की वय में आश्विन की नवरात्रि में होता है ।दूसरे वर्ष की वय चैत्र में मुंडन नहीं करते हैं। यदि यह संभव ना हो सके तो आश्विन के नवरात्रि में घर में ही माताजी के आले - पूजाघर के समक्ष करके झडूले को लाल वस्त्र में बांधकर रख लेते हैं। जब भी मोरखाणे जाना हो तो उसे वहां कैर के पेड़ के नीचे चढ़ा देते हैं।